सामाजिक संस्था-निरंतरता एवं परिवर्तन
सामाजिक संस्थाएँ: निरंतरता एवं परिवर्तन ( CH-3) A. समाज के हितो को ध्यान में रखकर समाज के ही कुछ शिक्षित एवं जागरुक लोगो द्वारा गठित संगठन जो सभी सदस्यों की भागीदारी से कार्य करता हैं। सामाजिक संस्थाएँ कहलाते है | जैसे-परिवार , विवाह आदि। B. बोगार्डस के अनुसार " एक सामाजिक संस्था समाज का एक ढांचा होता हैं C. समुदाय का एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र होता है , जबकि समाज का कोई निश्चित भौगोलिक क्षेत्र नहीं है जिसके आधार पर समाज की पहचान की जा सके। , D. भारतीय समाज की तीन प्रमुख संस्थाएँ :- I. जाति - सामाजिक संस्था , अंग्रेजी के शब्द – कास्ट , इसका अर्थ है – विशुद्ध नस्ल । जाति प्रथा की विशेषताएँ (1) एक जाति के सदस्य अपनी जाति से बाहर विवाह नहीं कर सकते। (2) विभिन्न जातियों के बीच खानपान सम्बन्धी प्रतिबन्ध पाये जाते हैं। (3) अधिकतर जातियों के व्यवसाय निश्चित होते हैं। (5) जन्म ही मनुष्य की जाति को निर्धारित करता है। (6). जाति के नियमों को तोड़ने पर ही जाति से ...