अकबर के दरवार के नवरत
प्रश्न: अकबर के दरवार के नवरत के बारे
में क्या जानते हैं?
उत्तर : अकबर के दरबार के निम्नलिखित
नवरत्न थे- अबुल फजल, बीरबल, टोडरमल,
भगवानदास, मानसिंह, तानसेन, अब्दुर्रहीम खानखाना, मुल्ला दो प्याजा, फैजी एवं हकौम हुकाम।
ये
सभी अपने क्षेत्र के अत्यन्त प्रवीण और
प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। मुगल दरबार में इनका बड़ा योगदान था।
अबुल फजल अकबर के दरबारी और नवरतों में
प्रमुख थे। उन्होंने ही 'अकबरनामा और
'आइने अकबरी' नामक ग्रंथों की रचना की थी। वे धर्म, साहित्य, इतिहास, और दर्शनशास्र के
श्रेष्ठ
ज्ञाता थे। उनमें अभूतपूर्व रचनात्मक
प्रतिभा थी।
बीरबल कुशाग्रबुद्धि वाले विनोदप्रिय
व्यक्ति थे। उनकी सलाह पर अकबर अनेक समस्याओं का
हल आसानी से कर पाता था। कस
टोडरमल अकबर के वित्तमंत्री
(दीवान-ए-अशरफ) थे। अकंबर ने उन्हें साम्राज्य की भूमि की
मापी का काम सौंपा था। उनके द्वारा
कराया गया भू-सर्वेक्षण आगामी शासकों के लिए आधार बन गया।
तानसेन महान संगीतज्ञ थे। उन्होंने कई
रागों का निर्माण किया। उसके समय में ही ध्रुपद-गायन शैली का विकास हुआ।
फैजी अबुल फजल के बड़े भाई थे। वे 'दीन-ए-इलाही' के कट्टर समर्थक और
अनुयायी थे। वे अकबर के दरबार में राजकबि के पद पर आसीन
थे।
अब्दुररहीम खानखाना एक मनसबदार भी थे।
बे एक सहृदय कवि थे। रहीम बैरम खाँ के पुत्र थे |
उन्होंने हिन्दी में वरबै छन्द में 'नायिकाभेद' और दोहों की रचना की
थी। उन्होंने 'बाबरनामा का फारसी में
अनुबाद किया था।
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