मुगलकाल मे शाही महिलाओं कि भूमिका

 

प्रश्न:मुगल साम्राज्य में शाही परिवार की स्त्रियों द्वारा निभायी गयी भूमिका का मूल्यांकन करे|

अथवा, मुगलकाल मे शाही महिलाओं कि भूमिका का मूल्यांकन करें।

उत्तर : (1) मुगल शाही परिवार (हरम) में बादशाह की पत्नियाँ और उप-पत्नियाँ, उनके

और दूर के रिश्तेदार, महिला परिचारिकाएँ तथा गुलाम होते थे।

(2) राजतंत्र से जुड़ी महिलाओं के पदानुक्रम में उप-पत्नियों (अगाचा) का स्थान सबसे निम्न था।

इन सभी को नगद मासिक भत्ता तथा अपने अपने दर्जे के हिसाब से उपहार मिलते थे

(3) मुगल हरम की महिलाओं ने साम्राज्य के विभिनन क्षेत्रों में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी

नूरजहाँ के पश्चात मुगल रानियों और राजकुमारियों ने महत्त्वपूर्ण वित्तीय स्रोतों पर नियंत्रण रखना प्रारंभ

- किया। शाहजहाँ की पुत्रियों, जहाँआरा ओर रोशनआरा, को ऊँची शाही मनसबदारों के समान वार्षिक

आय होती थी। इसके अतिरिक्त जहाँआरा को सूरत बन्दरगाह से राजस्व प्राप्त होता था। |

(4) मुगल परिवार की महत्त्वपूर्ण ख््रियों ने इमारतों एवं बागों के निर्माण में भी अपनी अभिरुचि प्रदर्शित की। जहाँआरा ने दिल्‍ली की कई वास्तुकलात्मक परियोजनाओं में हिस्सा लिया। दिल्‍ली के

हृदयस्थल चाँदनी चौक की रूपरेखा जहाँआरा द्वारा बनायी गयी थी।

(5).साहित्यिक गतिविधियों में भी मुगल हरम की महिलाओं की भूमिका उल्लेखनीय है। हुमायूँ की

बहन गुलबदन बेगम एक सिद्धहस्त लेखिका थीं। 'हुमायूँनामा' उसकी प्रसिद्ध कृति है। वह नुकीं एवं

- पारसी में धाराप्रवाह लिख सकती थी। ।

(6) राजनीति के क्षेत्र में भी मुगल हरम की महिलाओं की भूमिका रोचक घटनाओं से भरी है। सम्राट

अकबर तो काफी दिनों तक मुगल हरम के प्रभाव में था। जहाँगीर के समय नूरजहाँ की भूमिका

 अध्य-कालीन इतिहास का एक रोचक अध्याय है।

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