मुगल राजत्व के आदर्शों का निरूपण कीजिए

 प्रश्न : राजत्व के मुगल आदर्श का निर्माण करने वाले तत्त्वों की पहचान कीजिए।

अथवा, मुगल राजत्व के आदर्शों का निरूपण कीजिए।

उत्तर:  

i.              सुगल बादशाह राज के दैवी अधिकार के सिद्धान्त में विश्वास करते थे। उनके अनुसार राजाओं को सीधे इश्वर से शक्ति मिलती थी।

ii.              अबुल फजल ने ईश्वर के प्रकाश को ग्रहण करने वाली चीजों के पदानुक्रम में मुगल सबसे ऊँचे स्थान पर रखा। प्रसिद्ध ईरानी सूफी सिहाबुद्दीन सुराहवर्दी ने सर्वप्रथम इस विचार का प्रतिपादन किया था।

iii.            परिणामस्वरूप 17वीं शताब्दी से मुगल कलाकारों ने मुगल बादशाहों को प्रभामंडल

       चित्रित करना प्रारम्भ किया। ये प्रभामंडल ईश्वरीय प्रकाश के चोतक थे।

iv.           अबुल फजल के अनुसार मुगलों ने प्रभुसत्ता को एक सामाजिक अनुबंध के रूप में स्वीकार किया। बादशाह का कर्त्तव्य प्रजा की जान, माल, सम्मान और विश्वांस की रक्षा करना था।

       इसके बदले में वह आज्ञापालन तथा संसाधनों में हिस्से की माँग करता है।

v. केवल न्यायपूर्ण संप्रभु ही शक्ति और दैवीय मार्गदर्शन के इस अनुबंध का सम्मान कर पाते थे। * >

vi.  मुगल राजत्व की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता मुगल शासकों द्वारा न्याय पर विशेष जोर देना है। 

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