साँची स्तूप का वर्णन करे

 प्रश्न : साँची स्तूप का वर्णन करे। इसके संरक्षण में भोपाल की बेगमों ने क्या भूमिका निभाई। इनकी भूमिकाओं को स्पष्ट करें।.

उत्तर: भोपाल से बीस मील उत्तर-पूर्व की तरफ एक पहाड़ी की तलहटी में बसा गाँव साँची है, जहाँ विश्वविख्यात और इतिहास प्रसिद्ध बोद्ध स्तूप स्थित है।

शाहजहाँ बेगम और उनकी उत्तराधिकारिणी सुस्तानजहाँ बेगम जिन्होंने साँची के स्तूप के संरक्षण में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण योगदान दिया—

1.  उन्होंने इसके संरक्षण के लिए धन भी दिया और इसके पुरावशेषों(टूटे फूटे बचे अंस ) को भी संरक्षित किया।

2.  1818 में इस स्तूप की खोज के बाद बहुत-से यूरोपियों का इसके पुरावशेषों के प्रति विशेष आकर्षण था।

3.  फ्रांसीसी और अंग्रेज अलंकृत पत्थरों को ले जाकर अपने-अपने देश के संग्रह्मतयों में प्रदर्शित करना चाहते थे।

4.  फ्रांसीसी विशेषतया पूर्वी तोरणद्वार, जो सबसे अच्छी स्थिति में था, को पेरिस ले जाना चाहते थे।

5.  इसके लिए उन्होंने शाहजहाँ बेगम से इजाजत माँगी। ऐसा प्रयत्न अंग्रेजों ने भी किया। बेगम ने सूझ-बूझ से काम लिया। वह इस मूल कृति को भोपाल राज्य में अपनी जगह पर ही संरक्षित रखीं |

6.  सौभाग्यवश कुछ पुरातत्ववेत्ताओं ने भी इसका समर्थन कर दिया। इससे यह स्तूप अपनी जगह सुरक्षित रह पाया।

7.  इन्होंने स्तूप के रख-रखाव के लिए धन भी उपलब्ध करवाया।

8.  सुन्तानजहाँ बेगम ने स्तूप स्थल्र के पास एक संग्रहालय एवं अतिथिशाल्रा भी बनवाई।


बेगम के इन सराहनीय कार्यो से प्रभावित होकर जॉन मार्शल ने साँची पर लिखे अपने महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों को सुल्तान जहाँबेगम को समर्पित किया।

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