बौद्ध धर्म के प्रसार पर एक टिप्पणी लिखें।

 प्रश्न: बौद्ध धर्म के प्रसार पर एक टिप्पणी लिखें।

अथवा, बुद्ध के जीवनकाल में तथा उनकी मृत्यु के पश्चात भी बौद्ध धर्म तेजी से फैला। इसके क्‍या कारण थे? |

अथवा, बोद्ध धर्म के प्रसिद्धिके क्या कारण थे?

उत्तर : बुद्ध के जीवनकांल में तथा उनकीं मृत्यु के पश्चात भी बोद्ध धर्म तेजी से फेला। इसके निम्नलिखित कारण थे –

i) आसान शिक्षाएँ : बौद्ध धर्म की शिक्षाएँ सरल थीं। उनका पालन करना साधारण व्यक्ति के लिए आसान था।

ii) समकालीन धर्मों में अप्रिय प्रथाओं का होना : उस समय समकालीन धर्मों जैसे हिन्दू धर्म की प्रथाओं से जनसाधारण तंग आ चुका था। खर्चले रीति-रिवाजों द्वारा ब्राह्मण लोगों का शोषण करते थे।

(iii) समानता का व्यवहार : बौद्ध धर्म में सबको समानता की दृष्टि से देखा जाता था। हिन्दू धर्म की तरह जाति प्रथा का इस धर्म में कोई स्थान नहीं था। इसमें अच्छे आचरण और मूल्यों को महत्त्व दिया गया। इसलिए जनसाधारण एवं निम्न जातियों के लोग इस ओर शीघ्र ही आकर्षित हो गये।

iv)मध्यम मार्गी एवं तर्क-प्रधान : बौद्ध धर्म मध्यम मार्ग था और हर प्रकार की 'अति' को नकारने वाला था। बौद्ध धर्म की इस विशेषता ने भी जनता को आकृष्ट किया। इस धर्म की लोकप्रियता का एक कारण उनका तर्क-प्रधान होना था। जनता की शंकाओं का समाधान यह धर्म सहज तकों द्वारा करता था। उसके ये तर्क जनमानस को संतुष्ट करनेवाले थे। हे

(v) राजाओं की सहायता : सम्राट अशोक और कनिष्क के प्रयत्नों से बौद्ध धर्म लंका, चीन, मंगोलिया तथा अन्य देशों में फैला। 
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