खानकाह

 

खानकाह से आप क्या समझते हैं?

उतर - चिश्ती सिलसिला का खानक़ाह (आश्रम) सामाजिक जीवन का केन्द्र बिंदु था।

शेख निजामुद्दीन औलिया की खानकाह दिल्ली के बाहर यमुना नदी के किनारे गियासपुर में था। यहाँ कई छोटे-बडे कमरे और एक बड़ा हाल (जमातखाना) था जहाँ सहवासी और अतिथि.रहते और उपासना करते थे।

सहवासियों में शेख का अपना परिवार, सेवक 'और अनुयायी थे। यहाँ एक लंगर भी चलती था। "

Comments

Popular posts from this blog

छठी शताब्दी ई.पू. में हुए धर्म सुधार आन्दोलन के कारणों

महान' और लघु' परम्परा

1857 ई. के विद्रोह की प्रमुख घटनाओं