मौर्य समाज के इतिहास के स्रोत का वर्णन करें

 

मौर्य समाज के इतिहास के स्रोत का वर्णन करें

अथवा मौर्य कालीन इतिहास जानने के प्रमुख साधन क्या है

उतर – मौर्य कालीन इतिहास जानने के प्रमुख साधन

a.  सहित्यक स्त्रोत     b. पुरातत्विक स्रोत

a.साहित्यक स्त्रोत :

a.   अब्राह्मण ग्रंथ - विशाखदत्त की मुद्राराक्षस .मेगस्थनीज की इण्डिका ,  कौटिल्य का अर्थशास्त्र

b.   बौद्ध ग्रंथ -सिंहली अनुश्रुतियां(दीपवंश एवं महावंश), महावंश पर वनस्थपकासिनी की टीका, दिव्यावदान एवं लामा तारानाथ की 'भारतीय बौद्ध धर्म का इतिहास '

c.   जैन ग्रंथ - कल्पसूत्र,परिशिष्टपर्वन, जिनप्रभसूरी की विविध -तीर्थकथा,श्रीचंद की कथाकोष

d.   ब्राह्मण ग्रंथ - विष्णुपुराण एवं उस पर श्रीधरस्वामी की टीका। पुराणों में मौर्यों को असुर कहा गया है।

-पुरातत्विक स्रोत

1.    अशोक के अभिलेख - अशोक के लगभग चालीस अभिलेख। अशोक के अभिलेख, भारत के विभिन्न उप महाद्वीपों में शिलालेख, स्तंभ लेख और गुफ़ा शिलालेख के रूप में पाये जाते हैं |

2.    रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख

3.    सोहगौरा लेख -सम्पूर्ण मौर्यकाल का एकमात्र अभिलेख जो ताम्रपत्र पर है। यह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में है।

4.    महस्थान पाषाण लेख -बांग्लादेश के बोगरा जिले से यह शिला लेख प्राप्त हुआ था।

5. वस्तु अवशेष - वस्तु अवशेष जैसे NBPW चाँदी और तांबे के छेद किए हुए सिक्के मौर्य काल पर रोशनी डालते हैं |इसके अलावा  मुद्राए , स्मारक ,  मोहरें इत्यादि

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