1857 के विद्रोह के लिए डलहोजी

 

प्रएन : 1857 के विद्रोह के लिए डलहोजी कहाँ तक उत्तरदायी था?

अथवा, अवध में विद्रोह इतना व्यापक क्यों था? किसान ताल्‍्लुकदार और जमींदार उसमें शामिल क्यों हुए?

अथवा, 'लॉर्ड डलहौजी द्वारा किये गये अधिग्रहण से सभी क्षेत्रों और रियासतों में गहरा असंतोष था।' इस कथन का अवध के संदर्भ में उचित साक्ष्य प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: किसी न किसी बहाने से डलहौजी अपने इच्छानुकूल शासकों अपदस्थ करने लगा था। लॉर्ड डलहौजी की 'हड़प नीति! ने आग में घी का काम किया। इस नीति के अधीन भारत की सात रियासतों-झाँसी, सतारा, जैतपुर, सम्भलपुर, बघाट, उदयपुर और नागपुर को त्रिटिशरों की

कम्पनी ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने हड़प ली। अतः ऐसी रियासतों के शासकों और उनकी प्रजा के भीतर ही भीतर विद्रोह की भावना पनपने लगी थी।

अवध में विद्रोह अत्यंत व्यापक था। किसान ताल्‍लुकदार और जमींदार सभी उसमें शामिल हुए -

(i) अवध में डलहौजी की साम्राज्यवादी एवम्‌राज्य हड़प' नीति का स्वरूप अत्यन्त व्यापक था

बहुत अन्यायपूर्ण ढंग से कुशासन का आरोप लगाकर अवध को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया गय को

अवध की जनता ने इस घटना को दुख: एवं राष्ट्रीय अपमान के रूप में देखा।

॥) अबध म विभिन्‍न प्रकार को पीड़ाओं न॑ राजकुमारा, तालरुकदारो किसानो और सिपहियो को परस्पर जोड़ दिया था। अन्य स्थानों की अपेक्षा अवध में विद्रोह विदेशी शासन के विरुद्ध लोक प्रतिशोध की अभिव्यक्ति का प्रतीक बन गया था।

iii) अवध के ताल्‍लुकदार अंग्रजों से इसलिए क्रोधित थे, क्योंकि उनकी सेना में भंग कर दी गयी और उनके किले नष्ट कर दिये गये। ।

iv)अंग्रेजों की भूराजस्व की नीति ने ताल्लुकदारों की हैसियत एवं सत्ता को काफी आघात पहुंचाया।

v)अवध में अंग्रेजों को ।857 ई. के दौरान एक लम्बे प्रतिशोध का सामना करना पड़ा क्योंकि वहाँ की लड़ाई की बागडोर वस्तुत: ताल्लुकदारों एवं किसानों के हाथों में थी।

vi)किसानों का असंतोष अब फोजी बेरकों तक पहुँचने लगा था क्योंकि बहुत सारे सैनिक अवध के गाँवों से ही भर्ती किये गये थे। बंगाल आर्मी में अधिकतर उत्तर प्रदेश के उच्च जाति के ब्राह्मण एवं राजपूत थे।

vii) सिपाहियों एवं ग्रामीणों के बीच विद्यमान इन सम्बन्धों से जन विद्रोह के रूप रंग पर गहरा प्रभाव पड़ा।

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