भारत छोड़ो' आंदोलन
प्रश्न : 'भारत छोड़ो' आंदोलन के कारण और प्रभाव घताड़ए।
अधवा, स्पष्ट कीजिए कि भारत
छोड़ो आन्दोलन सही मायने में एक जन आन्दोलन था?
अथवा, अगस्त 1942 के ' भारत छोड़ो ' आंदोलन के क्या प्रभाव
पड़े?
अधवा, 1942 के ' भारत छोड़ो ' आंदोलन पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखें।
उत्तर : भारत छोड़ो आंदौलन के कारण :
(।) चर्चिल ने सर स्टैफोर्ड क्रिप्स को 1942 ई. के मार्च महीने में भारत में व्याप्त सांविधानिक गतिरोध को दूर करने के
उद्देश्य से भेजा था। परन्तु क्रिप्स
मिशन की असफलता ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता
आंदोलन के नेताओं को अत्यधिक निराश किया |
(2) दूसरी ओर जनता में भी घोर निराशा, जड़ता और निष्क्रियता की भावना भर गयी
थी। गाँधी जी
दास़ता की घर करती भावना और अध:पतन को
रोकना चाहते थे।
(3) अगस्त, 1942
ई. में बम्बई (आधुनिक मुम्बई) में
काँग्रेस का अधिवेशन प्रारम्भ हुआ। 8
अगस्त को महात्मा गाँधी ने अधिवेशन के
समक्ष 'अँगरेजो भारत छोड़ो का ऐतिहासिक प्रस्ताव रखा। कांग्रेस ने इस
प्रस्ताव की अभिषुष्टि सर्वसम्मति से कर दी। । अधिवेशन में अँगरेजों के भारत छोड़ देने अर्थात्
उनके द्वारा अपनी सत्ता हटा लेने के उपरांत भारत की शासन-व्यवस्था और सरकार के निर्माण के
संबंध में भी एक व्यापक रूपरेखा भी प्रस्तुत की गयी।
(4) इस घोषणा के बाद महात्मा गाँधी ने 70 मिनटों तक बिना रुके अपना ऐतिहासिक भाषण
दिया
और “करो या मरो' का नारा जनता को दिया।
(5) 9 अगस्त, 1942
ई. के दिन पौ फटने के पहले ही महात्मा
गाँधी और काँग्रेस के कार्यकारिणी
के समस्त सदस्यों को बंदी बना लिया गया।
काँगेस के देश में स्थित सभी कार्यालयों पर सरकारी ताले
लटका दिये गये। काँग्रेस को अवैध संगठन
घोषित कर दिया गया। सभाओं और प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा
दिया गया।
(6) सरकार ने आंदोलन का दमन घोर अमानुषिकता; बर्बरता और कठोरता के
साथ किया था।
समूचा देश सैन्य शिविरों में बदल गया
था। सेना और पुलिस का राज्य स्थापित हो गया था जिससे जनता
आतंकित हो उटी थी।
भारत छोड़ो आंदोलन के प्रभाव :
(।) सरकार की आकस्मिक, अनुचित और विश्वासघाती कार्यवाहियों से
जनता क्षुब्ध हो उठी।
सरकार के दमनात्मक और दण्डात्मक कदमों
के विरुद्ध जनता उठ खड़ी हुई। 9 अगस्त को स्वतः
स्फूर्त देशव्यापी अँगरेजों भारत छोड़ो
आंदोलन का सूत्रपात हो गया।
(2) हड़ताल, प्रदर्शन, तोड़ फोड़ और हिंसा की अनिगिनत घटनाएँ घट गयी। सरकारी सम्पत्तियों
को नुकसान पहुँचाया गया। रेलवे स्टेशन, थाने, डाकघर जला दिये गये। आवागमन के मार्ग अवरुद्ध
कर दिये गये। रेल की पटरियाँ उखाड़ कर
फेंक दी गयी। सड़कों पर बने पुल क्षतिग्रस्त कर दिये गये।
(3) किसानों, मजदूरों, छात्रों और गृहणियों ने सड़कों और गलियों में विशाल जुलूस निकाल
थाँधी जी की जय' और 'अँगरेजो भारत छोड़ो' तथा “गाँधी को कारामुक्त
करो' आदि नारों के सिंहनाद
से भारत का गगनमंडल गुँजायमान हो उठा।
(4) इस क्रांति की व्यापकता और भारतीय जनता की खुली प्रतिभागिता ने यह
सिद्ध कर दिया कि ल्
भारतीय जनता में ब्रिटिश शासन के प्रति
कितना गहरा असंतोष, क्षोभ और रोष व्याप्त है।
(5) ब्रिटिश शासन ने अब अच्छी तरह समझ लिया था कि वह अब अधिक दिनों तक
भारत को
अपने पैरों तले दबा कर नहीं रख सकता है।
(6) भारत से परे के लोगों को-अमेरिका, चीन आदि मित्र राष्ट्रों-को भारतीय जनता
के गहरे
असंतोष की जानकारी मिल गयी। फलत:
उन्होंने भी ब्रिटिश सरकार पर भारत को स्वतंत्र करने के लिए |
दबाव डालना शुरू कर दिया।
(7) भारत छोड़ो आन्दोलन सही मायने में एक जन आन्दोलन था। अगस्त की इस
क्रांति ने भारत की
एकता और राष्ट्रीयता की भावना को और
सुदृढ़ बना दिया। इसके माध्यम से भारतीयों के उत्कट देश-प्रेम
एवं अपूर्व साहस और धैर्य अभिव्यक्त हुए|
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