रॉलेट एक्ट

 

प्रश्न : 'रॉलेट एक्ट' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

अथवा, 'रॉलेट एक्ट' कया था? इसके विरुद्ध भारत में क्या प्रतिक्रिया हुई?

अथवा, गाँधी जी ने 'रॉलेट एक्ट' का विरोध किस प्रकार किया?

उत्तर : प्रथम विश्वयुद्ध के बाद आर्थिक असंतोष चारों ओर फैला था। महामारी के प्रकोप से

लगभग 1.5 लाख आदमी मारे गये। प्रथम विश्वयुद्ध के समय भारतीयों ने अँगरेजी सेना में भर्ती होकर

ब्रिटिश साम्राज्य की भरपूर सहायता की थी तथा अँगरेजों की विजय में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।

     भारतीयों को आशा थी कि युद्ध के समाप्त होने पर उन्हें स्व॒राज्य मिलेगा। परन्तु उनकी आशाओं पर

पानी फिर गया और उन्हें युद्धोपरान्त अँगरेजों की ओर से 1919 ई. में 'रॉलेट एक्ट' का काला कानून

पारित कर दिया गया। इस कानून के द्वारा कार्यकारिणी के अधिकार बढ़ा दिये गये, विशेष कचहरियों की

स्थापना हुई, प्रेस पर नियंत्रण लगा दिया गया और अपराधियों के लिए देश-निर्वासन की सजा की

व्यवस्था की गयी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अब बिना मुकदमा चलाये सरकार किसी भी व्यक्ति को

कैद में रख सकती थी।

सारे देश में इस काले कानून का विरोध किया गया। इस विरोध का नेतृत्व गाँधी जी ने किया और वे

प्रथम बार एक राष्ट्रीय नेता के रूप में जनता के सामने आये। इस कानून के विरुद्ध गाँधी जी ने सत्याग्रह

प्रारम्भ किया। गाँधीजी के आह्ान पर 6 अप्रैल को सारे देश में हड़ताल एवं प्रदर्शन किये गये।

दिल्‍ली मे मार्च मास में ही सत्याग्रह प्रारम्भ हो गया। इस सत्याग्रह के अवसर पर हिन्दू-मुस्लिम एकता का अदुयुत

दृश्य देखने को मिला। कई स्थानों पर पुलिस ने गोली चलायी। 13 अप्रैल 1919 ई. को जनरल डायर .

द्वारा जलियाँवाला बाग में एक राष्ट्रवादी सभा पर गोली चलाने से 400 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई |

सरकार ने गाँधी जी के दिल्ली प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया। गाँधी जी.ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन

किया। वे गिरफ्तार कर लिये गये। उनकी गिरफ्तारी से सारे देश में आक्रोश फैल गया। असहयोग

आन्दोलन की पृष्ठभूमि निर्मित करने तथा गाँधी जी को आन्दोलन के लिए प्रेरित करने में रॉलेट एक्ट ने

महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।

प्रश्न : रॉलेट एक्ट क्‍या था? भारत के लोग रॉलेट एक्ट के विरोध में क्‍यों थे?

उत्तर : (I) भारत में ब्रिटिश शासन के हो रहे प्रतिरोधों के खिलाफ ब्रिटेन के इम्पीरियल

कल काउंसिल ने 1919 ई. में एक कानून पारित किया। जिसे रॉलेट एक्ट के नाम से जाना

जाता है।

(2) इस कानून के द्वारा सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने और राजनीतिक कैदियों को

दो साल तक बिना मुकदमा चलाये जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया। इसी कारण भारतीयों ने

रॉलेट एक्ट का विरोध किया।

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