क्रिप्स मिशन
प्रश्न: सर स्टेफर्ड क्रिप्स को भारत
क्यों भेजा गया? “क्रिप्स मिशन' की असफलता का
क्या कारण था?
अथवा, “क्रिप्स मिशन' क्या था? भारत के प्रमुंख
राजनीतिक दलों ने इसके प्रस्तावों को क्यों
अस्वीकार कर दिया?
अथवा, क्रिप्स मिशन' क्यों असफल हुआ?
उत्तर : द्वितीय विश्वयुद्ध में निरंतर
खराब होती जा रही परिस्थितियों तथा चीन और अमेरिका की
प्रेरणा पर ब्रिटेन भारत पर सहानुभूति
पूर्ण विचार करने को विवश हुआ।
भारतीयों का सहयोग प्राप्त करने के लिए 23 मार्च, 942 ई. को सर स्टीफर्ड
क्रिप्स को भारत
भेजा गया। सर स्टीफर्ड क्रिप्स के इस
अभियान को क्रिप्स मिशन तथा उनके द्वारा प्रस्तावित प्रस्तावों को
क्रिप्स प्रस्ताव कहा गया।
क्रिप्स ने निम्नांकित प्रस्ताव रखे --
(1) युद्ध के बाद भारत में औपनिवेशिक स्वराज की स्थापना।
(2) संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन।
(3) अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
(4) जिन प्रांतों को संविधान सभा द्वारा बनाए गये संविधान पसंद न हों, वे अपनी पसंद का
संविधान बना सकते थे। |;
(5) युद्ध के दौरान भारत की सुरक्षा का उत्तरदायित्व ब्रिटिश सरकार ने
अपने ऊपर लिया।
(6) एक भारतीय को रक्षा-सदस्य के रूप में नियुक्ति का प्रस्ताव रखा गया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इन
प्रस्तावों को संतोषजनक नहीं कहकर अस्वीकार कर दिया, जिसके
निम्नलिखित कारण थे --
(I) क्रिप्स-प्रस्तावों को स्वीकार करने का अर्थ द्वि-राष्ट्र सिद्धांत
को स्वीकार करना था।
(II) राज्यों के प्रतिनिधियों को राजाओं द्वारा ही चुने जाने की ज्यवस्था
को कांग्रेस ने जन-साधारण
की उपेक्षा के रूप में देखा।
(III) प्रस्तावों में पूर्ण-स्वराज की बात नहीं कही गई थी।
मुस्लिम लीग ने निम्नांकित कारणों से
क्रिप्स प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया --
I) प्रस्तावों में कहीं भी पाकिस्तान की चर्चा नहीं की गई थी। उन्हें
फिर बहुसंख्यक हिन्दुओं के
काल्पनिक भय का अहसास हुआ।
II) प्रस्तावों में कहीं भी कोई परिवर्तन की
गुंजाइश नहीं थी।
III) कांग्रेस और मुस्लिम लीग जैसे प्रमुख
राष्ट्रीय दलों द्वारा क्रिप्स प्रस्तावों को अस्वीकार कर
देने पर मिशन वापस लौट गया। वस्तुत:
क्रिप्स ने समस्याओं पर सिर्फ विचार किया उनका समाधान
नहीं। उपर्युक्त कारणों से 'क्रिप्स मिशन' असफल रहा।
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