किसान महात्मा गाँधी को किस तरह देखते थे
प्रश्न : किसान महात्मा गाँधी को किस तरह
देखते थे?
उत्तर : (i) “गाँधी बाबा', 'गाँची-महाराज' अथवा “महात्मा' जैसे अलग-अलग नामों
से ज्ञात गाँधी
जी भारतीय किसान के लिए एक उद्धारक के
समान थे जो उनकी ऊँची करों और दमनात्मक अधिकारियों
से सुरक्षा करने वाले और उनके जीवन में
मान-मर्यादा और स्वायत्तता वापस लाने वाले थे।
(ii) गाँधी जी जहाँ भी गये बहीं उनकी चमत्कारिक शक्तियों की अफवाहें फैल
गयीं। कुछ स्थानों पर
यह कहा गया कि उन्हें राजा ट्वारा
किसानों के दुःख-तकलीफों में सुधार के लिए भेजा गया है तथा उनके
पास सभी स्थानीय अधिकारियों के
निर्देशों की अस्वीकृत करने की शक्ति है।
(iii) इस तरह की अफवाहें फैली कि गाँधी जी की आलोचना करने वाले गाँव के
लोगों के घर
रहस्थात्मक रूप से गिर गये अथवा उनकी
फसल चौपट हो गयी। गाँधी जी-का देश के हर कोने में ग्रामीण
जनता द्वारा हार्दिक स्वागत किया गया।
(iv) गरीबों विशेषकर किसानों के बीच गाँधी जी की अपील को उनकी सात्विक
जीवन शैली और
* उनके द्वारा धोती तथा चरखा जैसे प्रतीकों के विवेकपूर्ण प्रयोग से
बहुत बल मिला।
(v) गाँधी जी गरीब श्रमिकों के प्रति बहुत अधिक सहानुभूति रखते थे तथा
बदले में वे लोग गाँधी जी
से भी सहानुभूति रखते थे।
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