छठी शताब्दी ई.पू. में हुए धर्म सुधार आन्दोलन के कारणों
छठी शताब्दी ई.पू. में हुए धर्म सुधार आन्दोलन के कारणों की विवेचना करे ? इन आन्दोलन के मुख्य उद्देश्य क्या थे ? उतर - छठी शताब्दी ई. पू. में भारत में धर्म-सुधार आंदोलन के निम्नलिखित कारण थे - 1. प्राचीन वैदिक धर्म में पतनोन्मुख प्रवृत्तियाँ एवं लक्षण प्रकट होने लगे थे। 2. यह धर्म अत्यंत जटिल और जनसाधारण के लिए दुर्लभ बन गया था। 3. इस धर्म में बलि और हिंसा की प्रधानत हो गयी थी। 4. कर्मकाण्ड , बाह्याचार और पाखण्ड का सर्वत्र बोलबाला था। 5. जाति प्रथा की जटिलता , संकीर्णता और अनुदारता ने अनेक सामाजिक , आर्थिक , धार्मिक एवं राजनितिक कुरीतियों , बुराइयों , रूढ़ियों ओर विषमताओं को जन्म दे दिया था। 6. समाज में सबसे बुरा हाल शुद्रों का था। उच्च वर्ण के लोग उनका शारीरिक , नैतिक एवं आर्थिक शोषण कर रहे थे। 7. छठी शताब्दी ई. पू. तक में भारत में पतनोन्मुख एंवं रूढ़िग्रस्त वैदिक धर्मों के विरुद्ध अनेक नविन धर्म सुधार आंदोलन हुए थे। इन नवीन धर्मों के प्रवर्तक मुख्यतः ब्राह्मणेतर जाति के थे विशेकर इसको क्षत्रियों ने नेतृत...









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